आज दिन भर की भाग-दौड़, व्यस्त जीवनशैली के बावजूद हम सभी अपनी सेहत के प्रति काफी सचेत है। हम अपनी दिनचर्या में वही खान- पान शामिल करते है जिनके सेवन से हमारा शरीर स्वस्थ और सुंदर रहें। आज ये बात भी अच्छे से समझ आ गई है कि एलोपैथिक मेडिसन और कॉस्मेटिक सौंदर्य प्रसाधन किसी समस्या का पूर्ण समाधान नहीं है। एक स्वस्थ दिनचर्या ही सभी बीमारियों का पूर्ण समाधान है। आज जो चाय सबसे जायदा चर्चा में है वो है हुंजा चाय । हुंजा चाय, एक हर्बल चाय है यू कहे कि यह एक आयुर्वेदिक काढ़ा है जो सौ बीमारियों को ठीक करता है। हुंजा चाय की बढ़ती लोकप्रियता का कारण उसके गुणों के साथ साथ उसका ताजगी भरा स्वाद के भी है। इस चाय के सेवन से न केवल वात, पित और कफ दूर होता है बल्कि हमारी त्वचा भी दिन प्रतिदिन चमकदार बनती है। डॉक्टर ,आहार विशेषज्ञ एवं योग प्रशिक्षक विशेष रूप से हुंजा चाय को पीने की सलाह देते है।

हुंजा चाय का जन्मस्थान

हुंजा चाय का सेवन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में गिलगित-बालिस्तान के पहाड़ों में स्थित हुंजा घाटी में किया जाता है। हुंजा गांव हिमालय की पर्वत माला पर स्थित है जो भारत और पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा के समीप पड़ता है। भारत के उत्तरी छोर पर स्थित हुंजा गांव की सीमाएं भारत,चीन, पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान से मिलती है। हिमालय के शीर्ष पर स्थित होने के कारण हुंजा को दुनिया की छत के नाम से भी जाना जाता है। हुंजा घाटी में रहने वाले लोगो को बुरुशो भी कहा जाता है। हुंजा लोगो की जनसंख्या 87 हजार के आसपास है । हुंजा जनजाति की जीवनशैली ऐसी है कि इनकी औसत आयु 120 साल है । 70 वर्ष की आयु तक हुंजा लोग जवान बने रहते है। किसी लिए हुंजा जनजाति को दुनिया की सबसे जवान और खुशनुमा जनजाति कहा जाता है।हुंजा प्रजाति के लोग स्वस्थ ,गोरे चिट्टे , खुशनुमा एवम युवा ही दिखते है। शाकाहारी जीवनशैली को अपनाते हुए ये लोग खुमानी, सूखे मेवे,हरी सब्जियां और हुंजा चाय का सेवन करना विशेष रूप से पसंद करते है । इनकी दिनचर्या में ठंडे पानी से नहाना और 15 से 20 किलोमीटर पैदल चलना शामिल है।इसका परिणाम यह है की इस समुदाय का एक भी इंसान कैंसर अन्य किसी गंभीर रोग से ग्रस्त नही है। हुंजा समुदाय की महिलाएं देखने में काफी सुंदर और आकर्षक होती है। बढ़ती उम्र का असर इनके स्वास्थ्य पर दिखाई नहीं देता है । हार्मोन असंतुलन जैसी समस्या हुंजा प्रजाति की महिलाओ में नही होती है । हुंजा प्रजाति की महिलाओं की प्रजनन शक्ति इतनी अच्छी होती है कि हुंजा महिलाएं 65 वर्ष तक की आयु में बच्चा पैदा कर सकती है।

हुंजा टी क्या है?

हुंजा टी एक प्रकार की हर्बल चाय है जिसमे एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते है जो हमारे शरीर में उत्पन बहुत सी बीमारों का जड़ से खत्म कर देती है । बिना दूध और शक्कर से निर्मित इस चाय का स्वाद भी अन्य चायो से काफी अलग है । पीने में स्वादिष्ट एवम् तारो ताजा खुशबू से युक्त इस चाय के सेवन से आप जवां और खुशनुमा बने रह सकते है।

हुंजा टी बनाने का तरीका

हुंजा सभ्यता से प्रेरित है, दुनिया की सबसे ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक हर्बल चाय बनाने का तरीका बेहद ही सरल है। हुंजा चाय बनाने के लिए ऐसी कोई सामग्री इस्तेमाल नहीं होती जो सरलता से न मिल सके ।हमारी परंपरागत भारतीय रसोई में उपलब्ध सामग्रियों के प्रयोग से जायकेदार हुंजा चाय को तैयार किया जा सकता है।

सामग्री

चार तुलसी के पत्ते, छह पुदीने की पत्तियाँ, दो हरी इलायची, चौथाई चम्मच दालचीनी पॉउडर, आधा नींबू, एक इंच बड़ा अदरक का टुकड़ा, स्वादनुसार गुड़।

बनाने की विधि

हुंजा टी बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में दो कप पानी डालकर गर्म होने के लिए रख दें। जब पानी में उबाल आने लगे तब अदरक को अच्छी तरह से कूट कर पानी में डाल दें। उसके बाद हरी इलाइची को भी छीलकर कूट लें। कूटी हुई हरी इलाइची को पानी में डाल दें। उसके बाद पुदीने के पत्ते और तुलसी के पत्तो को पानी से दो या तीन बार अच्छी तरह से धो लें।

फिर धूले हुए पुदीने के पत्ते, दालचीनी पॉउडर और तुलसी के पत्ते डालकर उबलने दें। पानी को धीमी आँच पर उबलने दें। फिर पानी में स्वादनुसार गुड़ को बारीक टुकड़ो में तोड़कर डाल दें। पानी को तब तक उबालेंगे जब तक पानी पक कर आधा ना रह जाएं। उसके बाद गैस को बंद कर दें।

फिर पैन में आधा नींबू निचोड़ कर उसका रस डाल कर मिला दें। फिर एक कप में मिश्रण को छान लें। बस स्वादिष्ट हुंजा टी बनकर तैयार हो गई है। हुंजा टी को सिप सिप लेकर पिएँ। हुंजा टी में आप अपने स्वाद के अनुसार गुड़ की मात्रा को कम या ज्यादा कर सकते है।

हुंजा चाय के सेवन का सही समय:

जब बात हर्बल चीजों की होती है तो सबके मन में ये प्रश्न होता है कि कौन सा ऐसा समय है जब इस चाय का सेवन किया जाए? हुंजा चाय पीने का कोई समय निश्चित नहीं है जब आपका मन चाहे आप उसका सेवन कर सकते हैं यह चाय एक हर्बल चाय है,जो सामान्य जड़ी बूटियों से निर्मित होती है जिसके प्रयोग से हमारे शरीर को किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होती है। फिर भी ज्यादातर लोग इसका सेवन सुबह एवं शाम को करते हैं। ऐसे लोग जो चाय की लत से छुटकारा पाना चाहते हैं और ऐसा पेय पीना चाहते हैं जो उनके लिए स्वास्थ्यवर्धक भी हो उनके लिए यह चाय एक वरदान से कम नहीं है।

हुंजा टी पीने के फायदे

अक्सर हमारे मन में ये प्रश्न उठता है कि हुंजा टी में ऐसी क्या खास बात है ? हूंजा टी पीने के क्या क्या फायदे हैं? हुंजा चाय सभी सेलिब्रिटी के बीच इतनी लोकप्रिय क्यों है? हुंजा टी का सेवन किस प्रकार हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है ?वैसे तो हुंजा पीने के अनेकों फायदे हैं जिनका वर्णन कुछ इस प्रकार है –

  1. हुंजा टी के सेवन करने से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे हम कम बीमार पड़ते हैं । भारत में मौसम के बदलते ही अक्सर वायरल फीवर की चपेट में आ जाते हैं। हुंजा टी का सेवन करने से सामान्य फ्लू और इन्फेक्शन की चपेट में नही आते है। हुंजा टी वास्तव में बूस्ट इम्यूनिटी ड्रिंक है जिसके लगातार सेवन से हम दीर्घायु बनते हैं।
  2. कॉलस्टॉल और बीपी के मरीजों के लिए यह दवाई एक रामबाण औषधि है जो उनके खून को पतला करती है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है। इन लोगों को हुंजा चाय बनाते समय इसमें अर्जुन की छाल का प्रयोग करना चाहिए।
  3. हुंजा टी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी चाय होती है जो गठिया पीड़ितों की सूजन को कम करके उनके जोड़ो को गतिशीलता एवम् आराम पहुंचाती है।
  4. महिलाओ के मासिक चक्र में हुंजा चाय पीएमएस के लक्षणों को कम करती है पीसीओडी से निजात पा सकते है।
  5. हुंजा चाय इंसुलिन को नियंत्रित करके मेटाबॉलिज्म को बढाती है हम अपने मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वेट लॉस कर सकते है।ऐसे लोग जो कुछ न कुछ खाने की इच्छा को नियंत्रित नहीं कर पाते उनके लिए हुंजा चाय का विकल्प किसी वरदान से कम नहीं है।
  6. स्वस्थ एवं चमकदार स्किन की अभिलाषा सभी की होती है ।सभी चाहते है की उनकी स्किन पर किसी प्रकार के मुंहासे, गढ्ढे और झाइयां न हो। एंटी- इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण यह हमारे शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को नियमित करती है । यूवी किरणों से बचाकर हुंजा चाय त्वचा के स्वास्थ्य में भी सुधार करती है।
  7. हुंजा टी में इस्तेमाल होने में फाइटो न्यूट्रिएन्ट्स और एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते है ,जो मोशन सिकनेस, मॉर्निंग सिकनेस और पेट संबंधी सभी समस्याओं का निदान करता है।आजकल युवा हो या वृद्ध सभी पेट में गैस बनने की समस्या जूझ रहे है। जहां ऐसे समय लोकप्रिय चाय का सेवन समस्या को जटिल बना देती है वहीं हुंजा चाय बदहजमी के लक्षणों को दूर करके गैस की समस्या से निजात दिलाती है।वास्तव में हुंजा चाय से हमारे शरीर का पाचनतंत्र मजबूत होता है।
  8. हुंजा चाय में पर्याप्त मात्रा कैल्शियम और फास्फोरस पाये जाते है,जिससे हमारी हड्डियां मजबूत होती है।
  9. हुंजा टी में फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। जो ट्यूमर ब्लड कैंसर और फेफड़ों के कैंसर से हमारी रक्षा करती है।
  10. हुंजा चाय हमारे शरीर से विषैले पदार्थ को बाहर करके हमारी किडनी की सफाई करती है।जिससे किडनी में पथरी नही बन पाती है। यूरिक एसिड के मरीजों के लिए इसका सेवन किसी औषधि से कम नहीं है।