झाइयां

त्वचा पर झाइयां होना एक आम समस्या होती जा रही है। झाइयां काले या भूरे धब्बे होते है जो चेहरे की त्वचा पर विशेष रूप से उभर जाते है। झाइयां शरीर के किसी भी भाग पर हो सकती है। जब शरीर मेलानिन नमक वर्णक का उत्पादन अधिक मात्रा में बनने लगता है तब चेहरे पर ये धब्बे उभरने लगते है। मेलानिन हमारी त्वचा को सूर्य की परबैगनी किरणों से बचाता है। तेज धूप के सम्पर्क में आने से हमारी त्वचा में मेलानोसाइट्स अधिक मात्रा में मेलेनिन बनाते है जिससे हमारे चेहरे पर झाइयां हो जाती है। आमतौर पर पुरुषो की तुलना में महिलाएं झाइयों(हाइपरपिग्मेंटेशन) की समस्या से जायदा परेशान है।

कारण

  1. हार्मोन असंतुलन: महिलाओं के शरीर में जब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन में परिवर्तन होता है तब उनके शरीर में कई प्रकार के बदलाव आते है जिससे उनकी त्वचा भी प्रभावित होती है। आमतौर पर गर्भावस्था के समय महिलाओं को झाइयां हो जाती है। गर्भावस्था में हुई झाइयां प्राय ठीक हो जाती है।
  2. आनुवांशिक कारण: झाइयां होने का एक मूल कारण आनुवांशिकता भी है। ऐसा देखा गया है जिनके माता-पिता की त्वचा पर झाइयां रहती है, अक्सर उनके बच्चे भी झाइयों की समस्या से जूझते है। यदि आपके माता-पिता की त्वचा पर झाइयां हैं, तो आपको अधिक सचेत रहने की आवश्कता है।अपनी त्वचा की अधिक देखभाल करने की जरूरत होती है। झाइयां स्किन की वो बीमारी है जो समय बढने के साथ गहरी और ज़िद्दी होती चली जाती है। यदि सही समय पर हम अपनी त्वचा की देखभाल नहीं करते तो ये सालों साल हमारे शरीर पर बनी रहती है।
  3. पेट संबंधी विकार: यदि आप पेट की किसी समस्या से परेशान है और आपका पेट ठीक से साफ नहीं होता तो पेट में बनने वाला अम्ल भी झाइयों का एक महत्वपूर्ण कारण है। आमतौर पर हम पेट की समस्या को केवल पेट तक ही सीमित मानते है जबकि इसका दुष्प्रभाव हमारी त्वचा पर प्रारंभिक रूप से पड़ता है।
  4. सौंदर्य प्रसाधनो का अनुचित प्रयोग: सौंदर्य प्रसाधनो का बढ़ता प्रयोग भी झाइयों को निमंत्रण देता है। हर किसी को सुंदर दिखना है किसी प्रोडक्ट ज्ञान के बिना उसका प्रयोग भी घातक सिद्ध हो सकता है। ब्यूटी पार्लर में आए दिन फेशियल करवाने से हमारी त्वचा की कोमलता खराब होती है।सस्ते पार्लर में जाकर ऐसे फेशियल करा लेना जो कम उम्र के लिए सही न हो वो भी झाइयों एक कारण है।आज कम उम्र के लड़के लड़कियां चेहरे पर ब्लीच का प्रयोग अधिक मात्रा में कर रहे है ।ब्लीच में हाइड्रोजन पेरोक्साइड होता है,यह हमारे बालों को हल्का करने में मदद करता है। इससे स्किन में मेलेनिन के उत्पादन को कम होता है। स्किन में मेलेनिन के कम बनने से चेहरे पर जगह-जगह धब्बे नजर आने लगते हैं जो झाइयों में परिवर्तित हो जाते है।
  5. चेहरे पर वैक्स का प्रयोग: आज के समय में चेहरे पर वैक्स का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। पहले लड़कियां केवल अपर लिप्स के भाग पर ही कटोरी वैक्स करती थी अब पूरे चेहरे पर वैक्स करा कर बालों से निजात पाती है। जिस कारण पूरे चेहरे पर चिपचिपा गर्म वैक्स हटाने के लिए वैक्सस्ट्रीप के प्रयोग किया जाता है। नियमित रूप से चेहरे और वैक्स के इस्तेमाल से न केवल हमारी त्वचा ढीली होती है बल्कि कई बार गर्म वैक्स से हमारी त्वचा पर काले धब्बे भी हो जाते है।
  6. शरीर में पोषक तत्वों की कमी: एक स्वस्थ जीवन का सार उसकी आदर्श जीवनशैली और उचित खानपान है। शरीर की कोई भी बीमारी हो या कोई समस्या हो सभी का एकमात्र उपाय संतुलित आहार है। विटामिन बी कमी के कारण शरीर को उचित पोषक तत्व नहीं मिल पाते जिससे अक्सर चेहरे पर झाइयां हो जाती है। विटामिन बी हमारे शरीर के सभी हिस्सों के लिए अलग-अलग तरह के प्रोटीन बनाने का काम करता है। विटामिन बी हमारे शरीर की त्वचा को चमकदार बनाने तथा उन्हें स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  7. तनाव शरीर विशेषज्ञों के अनुसार झाइयों का मूल कारण तनाव ही है। तनाव एक प्रकार का मानसिक विकार है जिसके कारण नकारात्मक विचार हमारे दिमाग़ पर हावी होने लगते है और हमारी मानसिक स्थिति पर इसका प्रभाव इतना बुरा पड़ता है कि हमारी दिनचर्या सही से नही चल पाती है किसी भी खुशी में हम आनंद महसूस नही करते जिस कारण हमारे शरीर से नकारात्मक हार्मोन निस्कासित होने की मात्रा बढ़ जाती है और हमारा दिमाग भी सही सूचना भी पहुंचाता है। शरीर की गतिविधियां इससे प्रभावित होती है इसलिए हमे तनाव बिल्कुल भी नही लेंना चाहिए। तनाव का प्रभाव हमारे चेहरे पर झाइयों के रूप में देखने लगता है।

निवारण

  1. सनस्क्रीन का करे इस्तेमाल: सनस्क्रीन हमें अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाने का काम करता है।सनस्क्रीन लगाने से हमारी त्वचा सीधे धूप के संपर्क में नहीं आती है और हम धूप से त्वचा का संरक्षण काफी हद तक कर पाते हैं।अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्माटोलॉजी के मुताबिक ब्रॉड स्पेक्ट्रम, एसपीएफ 30 या उससे ज्यादा और वाटर रसिसटेंट सनस्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए।इनकी त्वचा ज्यादा सेंसिटिव है उन्हें 50 एसपीएफ वाले सनस्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि केवल बाहर जाते हुए ही सनस्क्रीन का प्रयोग किया जाए। यदि हम घर में भी हैं तभी हमें सनस्क्रीन का नियमित रूप से प्रयोग करना चाहिए। हर तीन घंटे के अंतराल के पश्चात सनस्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा हमे कड़कती धूप 10 बजे से 2 बजे के बीच में घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। घर से बाहर निकलते समय सनग्लासिस, स्कार्फ या हैट का इस्तेमाल करके हम अपनी स्किन को खतरनाक किरणों से बचा सकते है।
  2. संतुलित आहार का प्रयोग करे: झाइयां होने का एक प्रमुख कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी है। हम सभी चाहते हैं हमारा चेहरा बेदाग पर जवां बना रहे। इसके लिए जरूरी है कि हम अपने खानपान में बदलाव करें। हमे बाहर के तले भूनें ,मैदायुक्त भोजन एवम् दूषित आहार के प्रयोग से बचना चाहिए। हमे अंकुरित दालें, रेशेदार सब्जियां, फलों के जूस , नींबू पानी एवम् पर्याप्त मात्रा में जल का सेवन करना चाहिए। ऐसा भी देखा गया है कि ड्राई स्किन के लोगो में झाइयों का संक्रमण अधिक पाया गया है इसलिए ऐसा जरूरी हो जाता है कि हम पर्याप्त मात्रा में त्वचा में नमी को बनाए रखें।
  3. हार्मोन संतुलन: हार्मोन असंतुलन का मूल कारण हमारी दिनचर्या ही है। प्रकृति के नियमों के विरुद्ध आचरण करने से सबसे ज्यादा नुकसान हमारे शरीर को ही होता है। कामकाजी जीवन एवं अकादमिक प्रतिस्पर्धा ने हमे टेक्नोलॉजी के काफी करीब ला दिया है। बढ़ते मोबाईल के प्रयोग ने हमारी दिनचर्या के क्रम में परिवर्तन कर दिया है जिस कारण आज अधिकांश लोगों के सोने और जागने का समय निश्चित नहीं है। नींद न आने की समस्या विकट होती ही जा रही है । जिससे हमारे शरीर के हार्मोन प्रभावित हो रहे है । हार्मोन असंतुलन झाइयों के होने का बहुत बड़ा कारण है। अपनी दिनचर्या में सुधार करके हम झाइयों से सदा के लिए छुटकारा पा सकते है।
  4. हुंजा टी का इस्तेमाल: हुंजा टी का सेवन करने शरीर के विषैले पदार्थ बाहर होते है जिससे शरीर का रक्तसंचरण नियमित होता है । बिना किसी अवरोध के शरीर स्वस्थ,फुर्तीला एवम् रोगराहित बना रहता है। हुंजा चाय हमारे रक्त को शुद्ध करती है जिससे त्वचा में निखार आता है।